(from http://www.geetganga.org/girkar-uthana-uthakar-chalana)
गिरकर उठना उठकर चलना यह क्रम है संसार का
कर्मवीर को फर्क न पड़ता किसी जीत या हार का
यह क्रम है संसार का
जो भी होता है घटना-क्रम रचता स्वयं विधाता है
आज लगे जो दंड वही कल पुरस्कार बन जाता है
निश्चित होगा प्रबल समर्थन अपने सत्य विचार का
कर्मवीर को फर्क न पड़ता किसी जीत या हार का
यह क्रम है संसार का
कर्मोंका रोना रोने से कभी न कोई जीता है
जो विष-धारण कर सकता है वह अमृत को पी जाता है
संबल और विश्वास में है अपने दृढ आधार का
कर्मवीर को फर्क न पड़ता किसी जीत या हार का
यह क्रम है संसार का
त्रुटियोंसे कुछ सीख मिले तो त्रुटियाँ हो जाती वरदान
मानव सदा अपूर्ण रहा है पूर्ण रूप होते भगवान
चिंतन मंथन से पथ मिलता त्रुटियों के परिहार का
कर्मवीर को फर्क न पड़ता किसी जीत या हार का
यह क्रम है संसार का
कर्मवीर को फर्क न पड़ता किसी जीत या हार का
यह क्रम है संसार का
जो भी होता है घटना-क्रम रचता स्वयं विधाता है
आज लगे जो दंड वही कल पुरस्कार बन जाता है
निश्चित होगा प्रबल समर्थन अपने सत्य विचार का
कर्मवीर को फर्क न पड़ता किसी जीत या हार का
यह क्रम है संसार का
कर्मोंका रोना रोने से कभी न कोई जीता है
जो विष-धारण कर सकता है वह अमृत को पी जाता है
संबल और विश्वास में है अपने दृढ आधार का
कर्मवीर को फर्क न पड़ता किसी जीत या हार का
यह क्रम है संसार का
त्रुटियोंसे कुछ सीख मिले तो त्रुटियाँ हो जाती वरदान
मानव सदा अपूर्ण रहा है पूर्ण रूप होते भगवान
चिंतन मंथन से पथ मिलता त्रुटियों के परिहार का
कर्मवीर को फर्क न पड़ता किसी जीत या हार का
यह क्रम है संसार का